अगर आप हस्तमैथुन के विषय में डिटेल जानकारी चाहते हैं तो आप सही जगह पर आए हैं इस ब्लॉग में कोशिश करुंगी कि आपको विस्तार से हस्तमैथुन के फायदे और नुकसान के बारे में बता. अक्सर आप पत्र-पत्रिकाओं में हस्तमैथुन के संबंध में अनेक तरह की बातें पढ़ते होंगे. कहीं इसे बहुत गलत बताया जाता है, कही इसके बहुत से नुकसान बताए जाते हैं, तो कहीं कहीं इसे पाप के रूप में भी दिखाया जाता है. समझने वाली बात यह है की क्या सच में हस्तमैथुन पाप है? या अनैतिक कार्य है?
कई धार्मिक गुरु इसे और पापा बता चुके होंगे आपको अब तक और कहीं ना कहीं आप भी उनसे सहमत होंगे. शरीर की प्रकृति गत जरूरत को हम पाप और पुन्य से कैसे जुड़ सकते हैं यह मेरी समझ से बाहर की बात है. कोई भी इंसान अगर थोड़ा भी तार्किक होकर सोचे तो बहुत आसानी से समझ सकता है कि यह क्रिया बिल्कुल ही प्राकृतिक है शरीर में वीर्य के बनने के बाद एक निश्चित समय सीमा के बाद वह बाहर निकलना स्वभाविक है. वीर्य के बाहर निकलने की यह क्रिया तीन क्रियाओं पर निर्भर करती हैं. पहला सह - मैंथुन, दूसरा स्वप्न मैथुन और तीसरा हस्तमैथुन. शरीर इन में से किसी न किसी माध्यम से अपने अंदर की वीर्य को बाहर निकालता है तो यह क्रिया अनैतिक या पाप कैसे हुई? मेरे पास ऐसे मरीज आते हैं जो यह शिकायत करते हैं कि उन्हें एक बहुत ही बुरी आदत लग गई है, वे अपने आपको चाहकर भी इसे करने से रोक नहीं पाते, और इससे यह बहुत सी परेशानियां हो रही हैं. जैसे सर दर्द, पैरों में दर्द, दुबला होना, चिड़चिड़ापन, अपराध भाव महसूस होना. बहुत दुख होता है ऐसे मरीजों को देखकर कि उन्हें बिना किसी बीमारी के ही बीमार होना पड़ रहा है, हस्तमैथुन करने वाले लोगों की अधिकांश समस्याएं मानसिक होती हैं जोकि तनाव और अपराधबोध के कारण उत्पन्न होती हैं. यदि बारीकी से इनका विश्लेषण किया जाए तो इन सभी लक्षणों से बहुत ही आसानी से निजात पाया जा सकता है. अगर आपको भी ऐसे लक्षण हो तो आपको किसी मनोवैज्ञानिक से मिलकर परामर्श लेना चाहिए.
हस्तमैथुन करना पाप नहीं है परंतु इसका यह मतलब नहीं कि इसका कोई नुकसान नहीं है. किसी भी चीज की अति नुकसानदेह होती है. जरूरत है सही जानकारी होने की. हस्तमैथुन के विषय में सबसे अधिक जिज्ञासा इस बारे में होती है कि इसे कितनी बार करना सही है.
कई धार्मिक गुरु इसे और पापा बता चुके होंगे आपको अब तक और कहीं ना कहीं आप भी उनसे सहमत होंगे. शरीर की प्रकृति गत जरूरत को हम पाप और पुन्य से कैसे जुड़ सकते हैं यह मेरी समझ से बाहर की बात है. कोई भी इंसान अगर थोड़ा भी तार्किक होकर सोचे तो बहुत आसानी से समझ सकता है कि यह क्रिया बिल्कुल ही प्राकृतिक है शरीर में वीर्य के बनने के बाद एक निश्चित समय सीमा के बाद वह बाहर निकलना स्वभाविक है. वीर्य के बाहर निकलने की यह क्रिया तीन क्रियाओं पर निर्भर करती हैं. पहला सह - मैंथुन, दूसरा स्वप्न मैथुन और तीसरा हस्तमैथुन. शरीर इन में से किसी न किसी माध्यम से अपने अंदर की वीर्य को बाहर निकालता है तो यह क्रिया अनैतिक या पाप कैसे हुई? मेरे पास ऐसे मरीज आते हैं जो यह शिकायत करते हैं कि उन्हें एक बहुत ही बुरी आदत लग गई है, वे अपने आपको चाहकर भी इसे करने से रोक नहीं पाते, और इससे यह बहुत सी परेशानियां हो रही हैं. जैसे सर दर्द, पैरों में दर्द, दुबला होना, चिड़चिड़ापन, अपराध भाव महसूस होना. बहुत दुख होता है ऐसे मरीजों को देखकर कि उन्हें बिना किसी बीमारी के ही बीमार होना पड़ रहा है, हस्तमैथुन करने वाले लोगों की अधिकांश समस्याएं मानसिक होती हैं जोकि तनाव और अपराधबोध के कारण उत्पन्न होती हैं. यदि बारीकी से इनका विश्लेषण किया जाए तो इन सभी लक्षणों से बहुत ही आसानी से निजात पाया जा सकता है. अगर आपको भी ऐसे लक्षण हो तो आपको किसी मनोवैज्ञानिक से मिलकर परामर्श लेना चाहिए.
हस्तमैथुन करना पाप नहीं है परंतु इसका यह मतलब नहीं कि इसका कोई नुकसान नहीं है. किसी भी चीज की अति नुकसानदेह होती है. जरूरत है सही जानकारी होने की. हस्तमैथुन के विषय में सबसे अधिक जिज्ञासा इस बारे में होती है कि इसे कितनी बार करना सही है.
कितनी बार करें हस्तमैथुन??,.
सामान्यता सप्ताह में दो से तीन बार हस्तमैथुन करना स्वास्थ्य के लिए नुकसानदेह नहीं होता. परंतु यदि आप इससे अधिक बार हस्तमैथुन करते हैं तो यह आपको शारीरिक रूप से थोड़ा कमजोर कर सकता है लेकिन अगर आप पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन युक्त आहार लें तो इस शारीरिक कमजोरी को बहुत हद तक दूर कर सकते हैं.
कुछ लोग एक दिन में तीन बार करते हैं. यह किसी भी रुप में सही नहीं है आपको इस आदत को बदलने की जरूरत है. इस आदत को छोड़ने के लिए आप क्रिएटिव काम करें. क्रिएटिव काम करने से दिमाग को आवश्यक मनोरंजन और आनंद की अनुभूति होती है जिस कारण वह हस्तमैथुन की तरफ आकर्षित नहीं होता.
कुछ लोग एक दिन में तीन बार करते हैं. यह किसी भी रुप में सही नहीं है आपको इस आदत को बदलने की जरूरत है. इस आदत को छोड़ने के लिए आप क्रिएटिव काम करें. क्रिएटिव काम करने से दिमाग को आवश्यक मनोरंजन और आनंद की अनुभूति होती है जिस कारण वह हस्तमैथुन की तरफ आकर्षित नहीं होता.
किस उम्र में शुरू करें हस्तमैथुन??
यह सवाल भी अधिकांश बच्चों द्वारा पूछा जाता है कि किस उम्र में हम हस्तमैथुन शुरू कर सकते हैं. किसी भी उम्र को इसकी के लिए निर्धारित नहीं किया जा सकता. वास्तविकता यह है कि किसी भी व्यक्ति को अपनी तरफ से कोशिश करके हस्तमैथुन की शुरुआत नहीं करनी चाहिए. आपका शरीर आवश्यकता पड़ने पर खुद ही को इस क्रिया की तरफ ले जाएगा जो कि एक प्राकृतिक शुरुआत होगी और सेहत के लिए अच्छी भी. जरूरत धैर्य रखने की है.
सावधानियां:-
हस्तमैथुन करने वाले लोग अक्सर छुप छुपाकर, डरी हुई अवस्था में कैसे करते हैं जिससे उनके मन में तनाव बना रहता है और वह इस क्रिया को भी सही तरीके से नहीं कर पाते. जिससे उन्हें बार-बार ऐसे करने की जरूरत महसूस होती है जबकि अगर इस क्रिया को भी वैसे ही किया जाए जैसे अपने किसी साथी के साथ करते हैं तो आप आवश्यक नियमों का पालन कर पाएंगे. एकांत का ख्याल रखना बहुत जरूरी है क्रिया को करते समय. इसे करते हुए अपने अंदर किसी भी तरह के अपराध भाव को ना आने दे. यह बिल्कुल सामान्य क्रिया है. सम्मान के साथ उपयुक्त वातावरण में आप इसे करें तो आप इसके कारण होने वाले अनेक दुष्प्रभावों से खुद को बचा सकते हैं.
सबसे महत्वपूर्ण बात जो मैं सभी क्लाइंट्स को कहती हूं की खुद का सम्मान करें और लॉजिकल होकर सोचे और फैसले करें. इससे आप सुनी सुनाई बातों के कारण तनाव में नहीं आएंगे.
अगर आप सवाल पूछना चाहे तो निम्न ईमेल पर मेल कर सकते हैं:-
drmili04@gmail.com
सबसे महत्वपूर्ण बात जो मैं सभी क्लाइंट्स को कहती हूं की खुद का सम्मान करें और लॉजिकल होकर सोचे और फैसले करें. इससे आप सुनी सुनाई बातों के कारण तनाव में नहीं आएंगे.
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